‘पाताल लोक’ के निर्माताओं ने बहसंख्यक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है

ललित शास्त्री

पाताल लोक” ऐमेज़ॉन वेब सीरीज का कथानक, स्पष्ट रूप से किसी खतरनाक उद्देश्य को लेकर तैयार किया गया है और इसमे जिस प्रकार हिंदु धर्म से जुड़े प्रतीकों को अपमानजनक तरीके से दर्शाया गया है वो भारत के बहुसंख्यक सनातन धर्म के अनुयाइयों की संववेदनाओं पर प्रहार और आस्था पर गहरी चोट है। एक समझदार भारतीय नागरिक, जिसके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है, वह अपने को समझा सकता था,  यदि यह ऐमेज़ॉन प्राइम वीडियो श्रृंखला को पाकिस्तान के आईएसआई या दाऊद इब्राहिम के ऑपरेटिव्स द्वारा तैयार किया गया होता लेकिन विडंबना यह है कि इस धारावाहिक की कार्यकारी निर्माता हैं बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा।

भारतीय मीडिया – दोनों प्रिंट और टेलीविज़न – दुर्भाग्य से अपनी समीक्षा के माध्यम से पाताल लोक की बढ़-चढ़ कर प्रशंसा कर रहे हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स ने इस सीरीज को केवल सतह पर ही देख कर “मीडिया उद्योग के कॉर्पोरेटिसशन की बात करके कथानक पर प्रकाश डाला और इस बात को रेखांकित किया कि कैसे “नाजुक” धार्मिक कट्टरता को एक मुस्लिम चरित्र के माध्यम से संबोधित किया गया है। 

इंडिया टूडे ने “भारत 2020” में जो कुछ भी घटित हो रहा है है, उसे दर्शाने के लिए इस सीरीज को श्रेय देते हुए यह संदेश दिया है कि यह ऐमेज़ॉन वेब श्रृंखला बिल्कुल निशाने पर है। इंडिया टुडे द्वारा, तारीफ के पुल बांधते हुए, इस बात को भी नजर अंदाज किया गया है कि सीबीआई और दिल्ली पुलिस के कामकाज, और प्रतिबद्धता की धज्जियां उड़ाई गई है।

जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, एक एपिसोड से दूसरे एपिसोड और उसके आगे, यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि न केवल दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी, बल्कि भारत की प्रमुख जांच एजेंसी – सीबीआई भी राजनीति का जो आपराधिकण कर रहे है उनसे पूरी तरह मिली हुई हैं। जाति, धर्म को लेकर नफरत फैलाने के लिए बहुसंख्यक वर्ग के लोगों को इस सीरीज में जिम्मेदार ठहराया गया है और यह भी दिखाया गया है कैसे इस बात से ध्यान हटाने के लिए सी बी आई जैसी एजेंसी पाकिस्तान की आईएसआई के खिलाफ झूठे आरोप मढ़टी है और साथ ही साथ कुछ पकड़े गए अपराधियों को बिना सबूत के आई एस आई आतंकवादी  बताकर कोर्ट में पेश किया जाता है।

भारत में राजनीति के अपराधीकरण का चित्रण करने के लिए धार्मिक प्रतीकों को भी बड़ी बेशर्मी से दिखाया जाता है, जो कि अत्यंत निंदनीय कृत्य है।

इंडिया टुडे ने “भगवा भीड़ जो खून से लथपथ एक मुस्लिम लड़के को मारती है” की बात करते हुए उस  दृश्य की ओर  ध्यान खींचा है जिसमे भगवा धारी भीड़ द्वारा एक मुसलमान युवक की नृशंस हत्या करते हुए दिखाया गया है।

इस विवादास्पद वेब सीरीज में ब्राह्मणों को विशेष रूप से निशाने पर रखा गया है और यग्योपवीत (जनेऊ) – जो उनकी धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं – उसको अत्यंत गलत संदर्भ में दिखाया गया है। एक विशेष चरित्र के माध्यम से, जो कि ब्राह्मण है, उसके द्वारा राजनीति का अपराधिकारण, तथा भ्रष्ट पूंजीवाद और घोर अपराध द्वारा पोषित करते दिखाया गया है।

इस वेब श्रृंखला में चित्रकूट को अपराध का केंद्र या ‘बैडलैंड’ के रूप में दिखाया गया है। चित्रकूट मध्य भारत में बुंदेलखंड क्षेत्र में भगवान राम, देवी सीता और उनके भाई लक्ष्मण के 14 साल के वनवास से जुड़ा एक पवित्र शहर है। चित्रकूट क्षेत्र मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश, दोनों प्रान्तों में फैला हुआ है।

ऐमेज़ॉन वेब सीरीज़ में “नेपाली रंडी” शब्द का उपयोग भी अत्यधिक भ्रामक, असंवेदनशील और गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया गया है।

सिख महिलाओं के उद्धारकर्ता हैं। पूरी दुनिया सिखों को उनकी सेवा और मानवता के लिए पहचानती है लेकिन सिखों को बलात्कारी के रूप में दिखाने के लिए अनुष्का शर्मा और प्राइम वीडियो पर शर्म आती है – मनजिंदर एस सिरसा, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और राष्ट्रीय प्रवक्ता, अकाली दल

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